कोरोना और ब्लैक फंगस में क्या है संबंध, जानें एक्सपर्ट की राय
सेहतराग टीम
राज्यों ने जब से कोरोना से लड़ने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की उसके बाद कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या घटने लगे हैं। आंकड़ा अब तीन लाख के नीचे आ गया है। हालांकि मौत का आंकड़ा अभी भी कम नहीं हो रहा है। पिछले एक दिन में तकरीबन चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना के साथ-साथ अब ब्लैक फंगस बीमारी भी काफी तेजी से फैल रही है। तो आइए जानते हैं कि आखिर कोरोना के समय ही ये रोग क्यों फैल रहा है और इससे कैसे बचाव किया जाए।
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कोविड से रिकवर हुए काफी समय हो गया, लेकिन खांसी आ रही है तो क्या करें?
इस समय कई लोगों में पोस्ट कोविड में खांसी आ रही है। अगर बुखार या कोई और लक्षण नहीं है, तो परेशान न हों। कई लोगों को दो महीने तक खांसी आती है, लेकिन धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। अगर खांसी तेज है या बलगम के साथ ब्लड आ रहा है तो अपने डॉक्टर को दिखा सकते हैं।'
क्या नए वैरिएंट्स लोगों को दोबारा संक्रमित कर सकते हैं?
'इस बारे में अलग-अलग देशों में कई शोध आए हैं। उन शोध के मुताबिक, जब तक एंटीबॉडीज रहती हैं, तब तक व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण दोबारा नहीं होता या कह सकते हैं कि उनमें लक्षण ही नहीं आते यानी वायरस कमजोर हो जाता है, क्योंकि एंटीबॉडी उन्हें बचाती है। लेकिन शरीर में एंटीबॉडीज कितने दिन तक रहती हैं, इसके बारे में भी अलग-अलग रिसर्च हैं, कोई तीन महीने तक तो कई छह या आठ महीने तक कहते हैं। मगर इस बात का ध्यान रखना है कि वायरस कितना भी रूप बदले या कोई भी वैरिएंट आए, उससे बचाव का उपाय कोविड नियमों का पालन है।'
ब्लैक फंगस की बीमारी कोरोना संक्रमण के समय ही क्यों हो रही है?
'ब्लैक फंगस हमारे वातावरण में पहले से मौजूद है, लेकिन इस वक्त कोविड काल में म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी की तरह लोगों में पाई जा रही है। इसकी वजह ये है कि कोविड के इलाज में, जो दवा दी जा रही है, जैसे डेक्सामेथासोन और स्टेरॉयड, उनसे इम्यूनिटी कम होती है। खासतौर पर डायबिटीज वाले मरीजों में इसका ज्यादा असर होता है या फिर ऐसे लोग जिन्हें वेंटिलेटर पर रखते हैं, उनमें ये पाया गया है। इसलिए कहा जाता है कि खुद से स्टेरॉयड या कोई भी दवा का प्रयोग ना करें। डॉक्टर की निगरानी में ही दवा लें।'
ब्लैक फंगस से खुद को कैसे बचाएं?
अगर किसी को डायबिटीज है और कोरोना हो गया है, तो ब्लड शुगर पर ध्यान दें। जब भी कोरोना का उपचार करें या घर पर रहकर इलाज कर रहे हैं तो स्टेरॉयड की जरूरत नहीं है और अगर ले रहे हैं तो डॉक्टर की निगरानी में ही लें।'
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